सुरती नस्ल की भैंस गुजरात के वडोदरा, सूरत, खेड़ा और भरूच जिलों में पाई जाती है, जो कम चारा खाकर भी भरपूर दूध देती है.

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Editor - Isha Gupta

सुरती भैंस को गुजरात में चरोटारी, डेक्कनी, गुजराती, नडियाडी और तलबड़ा जैसे नामों से भी जाना जाता है.

नाम कई, पहचान एक

यह भैंस कम खर्च में 5 से 6 लीटर तक रोजाना दूध देती है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है.

कम चारा, ज्यादा दूध 

सुरती भैंस का दूध बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों के लिए बेहद पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है.

फायदेमंद दूध 

60 रुपये प्रति लीटर की दर से देखें तो एक साल में इससे लगभग 1 लाख रुपये तक की कमाई की जा सकती है.

कमाई का जबरदस्त जरिया

सुरती नस्ल के नर भैंसे प्रजनन और खेती में काम आते हैं, जिससे किसानों को लंबी अवधि में फायदा होता है.

नर भैंस भी हैं कमाल

सुरती भैंस का रंग गहरा भूरा या काला होता है, शरीर बैरल जैसा गोल और सींग दरांती की तरह मुड़े होते हैं.

मजबूत शरीर

यह नस्ल हल्की-फुल्की होने के बावजूद बीमार कम पड़ती है और ग्रामीण परिवेश में आसानी से पाली जा सकती है.  

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रखरखाव में आसान 

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