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देश और विदेश में इस मौके पर खास रौनक रहती है. लोग नए कपड़े पहनते हैं, नमाज अदा करते हैं और कुर्बानी देते हैं.
इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है. यह इस्लामिक परंपरा का प्रतीक है जो त्याग और समर्पण को दर्शाता है.
कुर्बानी के मांस को तीन हिस्सों में बांटा जाता है. एक गरीबों को, दूसरा रिश्तेदारों को और तीसरा खुद के परिवार के लिए.
लोग इस पर्व की तैयारी पहले ही शुरू कर देते हैं. बकरा खरीदना, घर सजाना और पकवान बनाना इसकी अहम तैयारियों में शामिल हैं.
हर साल बकरीद की तारीख चांद दिखने पर तय होती है, जिससे अक्सर भारत और सऊदी अरब में तारीखों में अंतर होता है.
इस बार सऊदी अरब में 27 मई को जुल-हिज्जा का चांद दिखा है, जिससे वहां 6 जून को बकरीद मनाई जाएगी.
सऊदी के अनुसार भारत में एक दिन बाद यानी 7 जून 2025 को बकरीद मनाई जाएगी, जब जुल-हिज्जा की 10वीं तारीख पड़ेगी.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.