बरसात में रिसाव से बिछावन गीली हो जाती है जिससे फंगस और संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ता है. 

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नमी और गंदगी मक्खी-मच्छरों को बढ़ावा देती है. ऐसे में बाड़े की बीट पर फिनाइल डालें और मैलाथियान का स्प्रे करें. 

मानसून में मुर्गियों को पेट की समस्या हो सकती है जो संक्रामक हो सकती है. ऐसे में शाम को पिपराजीन साल्ट पिलाएं.

बरसात में बाड़े की रोजाना सफाई बेहद जरूरी है. सूखा चूना या राख डालें ताकि नमी खत्म हो और संक्रमण न फैले. 

मुर्गियों का खाना और पानी ऐसी जगह रखें जो सूखी और साफ हो. गंदगी या नमी से उनका खाना दूषित हो सकता है.

गंदा पानी और संक्रमित टंकी से बर्ड फ्लू फैल सकता है. टंकी को साफ रखें और पानी में ब्लीचिंग पाउडर मिलाएं.

बारिश के दौरान बाड़े में सही हवा का संचार भी जरूरी है. बंद जगहों पर बदबू और संक्रमण जल्दी फैलता है.

थोड़ी सी लापरवाही मुर्गियों की सेहत और किसान की आमदनी दोनों को नुकसान पहुंचा सकती है. 

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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