भारत जैसे कृषि प्रधान देश की तुलना में सिंगापुर में खेती के लिए बिल्कुल जमीन नहीं है.

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अगर किसान अन्न उत्पादन बंद कर दें तो इतनी बड़ी आबादी का भोजन जुटाना नामुमकिन हो जाएगा.

सिंगापुर में खेतों की जगह तेजी से फैक्ट्रियों ने ले ली और कृषि लगभग खत्म हो गई.

1970 से पहले यहाँ खेती और पशुपालन होता था और देश अपनी ज़रूरत का अनाज खुद उगाता था.

1970 के बाद सिंगापुर ने इंडस्ट्रियल ग्रोथ को प्राथमिकता दी, जिससे कृषि भूमि सिकुड़ गई.

आज इतनी ज्यादा जनसंख्या हो गई है कि खेती के लिए जमीन ही नहीं बची.

खाद्य जरूरतें पूरी करने के लिए सिंगापुर मलेशिया समेत अन्य देशों से आयात करता है.

साल 2030 तक देश अपनी 30% खाद्य जरूरतें वर्टिकल फार्मिंग से पूरी करने का लक्ष्य बना चुका है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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