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हालांकि, सही समय पर इसकी पहचान और रोकथाम से आप फसल बचाकर उत्पादन और मुनाफा बढ़ा सकते हैं.
यह छोटा कीट धान के तनों से रस चूसता है और पौधों को धीरे-धीरे सूखने पर मजबूर करता है.
यह कीट पौधों पर गोल-गोल पैच बनाता है. इन जगहों पर पौधे पीले होकर कमजोर दिखने लगते हैं.
भूरा फुदका पौधों का रस चूसकर उन्हें कमजोर बनाता है और मीठा लार छोड़ता है, जिससे उत्पादन कम हो जाता है.
थायमैथाक्सम 100 ग्राम को 250 लीटर पानी में मिलाकर घोल बनाएं और प्रभावित हिस्से में छिड़काव करें.
पहले प्रभावित गोल पैच के बाहरी हिस्से से अंदर की ओर छिड़काव करें, फिर पूरे खेत में घोल फैलाएं.
छिड़काव करते समय सही मात्रा और दिशा का ध्यान रखें ताकि कीट पूरी तरह खत्म हो और फसल सुरक्षित रहे.
कीट की पहचान और तुरंत रोकथाम से ही फसल को बचाया जा सकता है. देरी होने पर नुकसान बढ़ जाता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.