डिजिटल फार्मिंग खेती में डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल कर उत्पादन को बेहतर बनाने की आधुनिक प्रक्रिया है.

Photo Credit: Canva

ड्रोन, GPS मैपिंग और सैटेलाइट इमेजरी के जरिए किसान खेत की पूरी जानकारी रियल टाइम में प्राप्त कर सकते हैं.

डेटा टूल्स की मदद से फसल को पानी, खाद और कीटनाशक की सही मात्रा मिलती है, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ती हैं.

डिजिटल उपकरण मिट्टी की पीएच लेवल, पोषक तत्वों की स्थिति और फसल में संभावित रोगों का पता लगाने में मदद करते हैं.

पारंपरिक खेती की तुलना में डिजिटल फार्मिंग में काम की गति तेज होती है, अनावश्यक खर्च कम होता है.

तकनीक आधारित खेती में पानी और उर्वरकों की खपत नियंत्रित रहती है, जिससे पर्यावरण पर कम असर पड़ता है.

डिजिटल फार्मिंग मौसम, कीट और फसल संबंधी जोखिमों के पूर्वानुमान में मदद करती है.

डिजिटल खेती की मदद से किसान सही समय पर फैसले ले सकते हैं, उत्पादन बढ़ा सकते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

Next: किसानों के लिए पैसों की मशीन बन गई यह भेड़! जानें