सर्दियों में पशुओं की सेहत अचानक गिरने लगती है और दूध उत्पादन कम होना आम समस्या बन जाती है. 

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कई बार अच्छा चारा देने के बाद भी फायदा नहीं दिखता. इसकी सबसे बड़ी वजह पेट में छिपे कीड़े हो सकते हैं.

पशुओं के पेट में मौजूद कीड़े बाहर से दिखाई नहीं देते, लेकिन ये चारे से मिलने वाले पोषक तत्वों को खुद खा जाते हैं. 

पेट के कीड़ों के कारण पशु कुपोषण का शिकार हो जाता है. धीरे-धीरे उसका वजन घटने लगता है.

डिवर्मिंग न होने पर पशु जल्दी बीमार पड़ता है. उसकी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे इलाज का खर्च भी बढ़ता है.

जब पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं, तो पशु को दिया गया चारा और दाना पूरी तरह शरीर को ताकत देता है. 

डिवर्मिंग के बाद पशु की भूख बेहतर होती है और उसका शरीर सही तरीके से काम करता है. 

पशु चिकित्सकों के अनुसार, हर 3 महीने में डिवर्मिंग कराना बेहद जरूरी है. यह कम खर्च वाली प्रक्रिया है.

डिवर्मिंग की दवा पशु के वजन, उम्र और हालत के अनुसार दी जानी चाहिए. गलत मात्रा नुकसान पहुंचा सकती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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