बरसात का मौसम किसानों के लिए वरदान लेकिन पशुओं के लिए चुनौती साबित होता है. 

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इस मौसम में बीमारियों से बचाने और दूध उत्पादन बनाए रखने के लिए खास देखभाल बेहद जरूरी है.

हरे चारे के साथ सूखा चारा, खल-बिनौला और खनिज मिश्रण मिलाकर पशुओं का पोषण संतुलित रखें.

सड़ा-गला या खराब चारा देने से पशु बीमार पड़ सकते हैं, इसलिए ताजा चारा ही दें.

पशुशाला में गंदा पानी जमा न होने दें और मच्छरदानी या रिपेलेंट का इस्तेमाल करें.

खुले गोबर पर मक्खियां जल्दी पनपती हैं, इसे ढककर रखने से संक्रमण से बचा जा सकता है.

रोजाना पशुशाला को झाड़ू से साफ करें और कीटाणुनाशक का छिड़काव करें.

बरसात के दौरान कीचड़ और नमी से खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं.

पशुओं को समय-समय पर नहलाकर कपड़े या बोरी से सुखाना सेहत के लिए लाभकारी है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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