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भैंस का वजन प्रजनन और दूध देने में अहम भूमिका निभाता है. अगर वजन कम है तो दूध भी कम होगा.
भैंस को स्ट्रेस फ्री रखने के लिए बाड़ा साफ, सूखा और हवादार होना चाहिए. गंदगी या फिसलन से भैंस बीमार हो सकती है.
भैंस के बाड़े में हमेशा ताजा पानी मौजूद रहना चाहिए. साथ ही मच्छर भगाने के लिए धुआं या मच्छरदानी लगाएं.
पेट के कीड़े भैंस की भूख और सेहत पर असर डालते हैं. हर 3 महीने में पशु चिकित्सक की सलाह से दवा देना जरूरी है.
खुरपका, मुंहपका और गलाघोंटू जैसी बीमारियों से बचने के लिए समय पर टीकाकरण कराएं.
थनैला सीधा दूध उत्पादन पर असर डालता है. अगर भैंस के थन में सूजन, लालिमा या दर्द दिखे तो फौरन डॉक्टर से इलाज कराएं.
एक स्वस्थ भैंस न सिर्फ ज्यादा दूध देती है बल्कि सालों तक उत्पादन में बनी रहती है. इससे लंबे समय तक आमदनी होती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.