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समय पर जागरूकता और सही देखभाल से किसान पशु की जान और अपनी आमदनी दोनों सुरक्षित रख सकते हैं.
यह बैक्टीरिया से होने वाली गंभीर बीमारी है, जो अचानक बुखार और शरीर में सूजन पैदा करती है.
तेज बुखार, जांघ, कंधा और गर्दन में दर्द-सूजन, लंगड़ाकर चलना, कमजोरी और खाना-पीना छोड़ना.
समय पर पहचान न होने पर रोग गंभीर रूप ले सकता है और पशु की जान को खतरा हो सकता है.
बारिश और ठंड के मौसम में लंगड़ी रोग तेजी से फैलता है, इसलिए विशेष सावधानी जरूरी है.
बीमार पशु को अलग करें, आराम दें, साफ-सुथरी और सूखी जगह पर रखें, और पशु चिकित्सक की सलाह से दवा दें.
नियमित टीकाकरण और पशुओं को गीली या गंदी जगह पर न रखना सबसे कारगर तरीका है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.