डायरिया नवजात बछड़ों में सबसे ज्याग देखने को मिलती है. समय पर इलाज न हो तो यह जान भी ले सकती है.

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जब बछड़े को उम्र से अधिक दूध पिला दिया जाता है या वह खुद अधिक पी लेता है, तो यह दस्त का कारण बन जाता है.

बछड़े के पेट में कीड़े या कोई बैक्टीरियल संक्रमण भी डायरिया की बड़ी वजह हो सकते हैं. ऐसे में गोबर की जांच करवाएं.

लगातार दस्त होने से बछड़ा निर्जलीकरण का शिकार हो जाता है, जिससे उसका शरीर कमजोर हो जाता है.

बछड़ा अगर खूंटा खोलकर खुद से अधिक दूध पी ले तो उसका पाचन बिगड़ सकता है. इसलिए उसे निगरानी में ही दूध पिलाएं.

बछड़े को उसके वजन के 1/10 हिस्से के बराबर दूध पिलाना चाहिए. इससे पाचन सही रहता है और डायरिया से बचाव होता है.

अगर बछड़ा दस्त से पीड़ित हो जाए तो शरीर में पानी की कमी पूरी करने के लिए ओआरएस सोल्यूशन या डेक्स्ट्रोज का इंजेक्शन लगवाएं.

अगर बछड़े के दस्त में खून दिखे तो तुरंत पशु चिकित्सक से सलाह लें और उनकी सलाह पर दवा का प्रयोग करें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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