देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है, जो सामान्य दिवाली से अलग होती है.

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इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है, इसे करने से अमृत गुण और पुण्य की प्राप्ति होती है.

शाम को नदी किनारे दीपदान करना शुभ माना जाता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति आती है.

देव दिवाली शिवजी द्वारा त्रिपुरासुर राक्षस के वध की खुशी में मनाई जाती है.

त्रिपुरासुर वध के बाद सभी देवता काशी आए और गंगा स्नान कर दीपदान किया था.

यह पर्व देवताओं के पृथ्वी पर आने और मानवों के साथ विजय की खुशियां साझा करने का प्रतीक है.

गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और मन और आत्मा को शांति मिलती है.

देव दिवाली पर दीप जलाकर और पवित्र जल में स्नान कर श्रद्धालु अपनी आध्यात्मिक उन्नति सुनिश्चित कर सकते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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