Photo Credit: Canva
शास्त्रों में इसके लिए कुछ खास नियम बताए गए हैं. सही तरीके से विसर्जन करने से घर में बरकत बनी रहती है.
सोना, चांदी या पीतल की मूर्तियों को दोबारा पूजा जा सकता है, बस गंगाजल से शुद्ध करें.
सोमवार को मूर्ति विसर्जन करना सबसे शुभ होता है. कोशिश करें कि यह कार्य सूर्यास्त से पहले ही पूरा करें.
मूर्ति को केवल स्वच्छ और बहते हुए जल में ही विसर्जित करें. गंदे या रुके हुए पानी में मूर्ति डालना अशुभ माना गया है.
अगर मिट्टी की मूर्ति है, तो घर पर ही बाल्टी में उस विसर्जित करें. जब मूर्ति घुल जाए, तो वह पानी पौधों या तुलसी में डालें.
मूर्ति को कभी पेड़ के नीचे या गंदे स्थान पर ना रखें. रात में विसर्जन करने से भी बचें, यह अशुभ माना जाता है.
प्लास्टिक मूर्तियों का प्रयोग बिल्कुल ना करें. प्राकृतिक मिट्टी की मूर्तियां न सिर्फ शुभ हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.