सनातन धर्म में तुलसी को माता का रूप माना गया है. जिस घर में रोज तुलसी पूजा होती है, वहां लक्ष्मी का वास होता है.

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तुलसी की मंजरी को माता के सिर का भार और नाखून कहा गया है. इसलिए इसे बड़ी श्रद्धा से संभालना चाहिए.

तुलसी की मंजरी को कभी भी रविवार या मंगलवार के दिन नहीं तोड़ना चाहिए, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है.

जब तुलसी पर पहली बार मंजरी आती है, तो उसे तुरंत नहीं तोड़ना चाहिए. यह शुभ संकेत होता है.

मंजरी तभी तोड़ें जब उसका रंग भूरा या सूखा हो जाए. इससे पौधे को नुकसान नहीं होता.

मंजरी तोड़ने के बाद ध्यान रखें कि वह गलती से भी पैरों के नीचे न पड़े. इसे अपवित्रता का संकेत माना गया है.

जल्दी या बिना सोच-समझे मंजरी तोड़ना अशुभ माना जाता है. इससे घर की सुख-शांति में बाधा आ सकती है.

मंजरी तोड़ने से पहले तुलसी माता को प्रणाम करें, हाथ जोड़कर क्षमा याचना करें. इससे दोष नहीं लगता.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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