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हाल ही में एक सवाल पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के “सबसे शक्तिशाली मंत्र” का जवाब दिया जिसने सभी का मन छू लिया.
प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि भगवान के मंत्रों में कोई छोटा-बड़ा या हल्का-पावरफुल नहीं होता.
उन्होंने समझाया कि अनंत मंत्र और अनंत नाम हैं, लेकिन सभी में ईश्वर की एक-सी ऊर्जा रहती है.
महाराज कहते हैं कि जो नाम आपके मन को भाता है, उसी का जप करना चाहिए. प्रिय नाम आत्मा से जुड़ जाता है.
अगर गुरुदेव ने कोई मंत्र दिया है, तो उसी का नियमित जप सर्वोत्तम माना जाता है. गुरु मंत्र में विशेष आध्यात्मिक शक्ति होती है.
उन्होंने स्पष्ट कहा कि केवल पावरफुल मंत्र खोजने से लाभ नहीं होता. असली शक्ति निरंतर जप में होती है.
महाराज के अनुसार साधारण लगने वाले नाम भी अत्यंत प्रभावशाली हैं. राम या कृष्ण नाम का जप जीवन को बदल देता है.
महाराज ने समझाया कि जब मन साफ हो और श्रद्धा हो, तभी जप फलदायी होता है. नाम में भेदभाव नहीं होना चाहिए.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.