तुलसी जी की पूजा, दर्शन और सेवा करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है.

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घर में तुलसी का पौधा लगाने से पितर तृप्त होते हैं और यह श्राद्ध कर्म के बराबर पुण्य देता है.

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी को छूना या जल चढ़ाना शुभ है और इससे कोई पाप नहीं होता.

एकादशी पर तुलसी की सेवा या पूजा करना उचित है; तुलसी के फूल और पत्तियां अर्पित करने से विशेष पुण्य मिलता है.

द्वादशी तिथि पर तुलसी को स्पर्श या तोड़ना मना है, क्योंकि इसे ब्रह्म हत्या के समान पाप माना जाता है.

द्वादशी के दिन तुलसी को केवल दूर से प्रणाम करें और स्पर्श से बचें, यह विशेष संवेदनशील और पवित्र तिथि मानी जाती है.

तुलसी के काष्ठ से चंदन घिसकर लगाने से संचित पाप जल जाते हैं और वर्तमान पापों का प्रभाव कम होता है.

तुलसी पूजा के नियमों का पालन करने से घर में कल्याण, स्वास्थ्य और आशीर्वाद प्राप्त होता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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