तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का निवास माना जाता है, इसलिए इसकी मंजरी और पत्ते दोनों ही पवित्र होते हैं.

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तुलसी की मंजरी पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों में विशेष महत्व रखती है. इसे शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.

जब पौधे पर पहली बार मंजरी आती है तो उसे तुरंत नहीं तोड़ना चाहिए. यह समय पौधे की वृद्धि के लिए शुभ माना जाता है.

ज्योतिष के अनुसार तुलसी के पौधे में मंजरी आना बेहद शुभ माना जाता है और यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संकेत है.

पूजा-पाठ के लिए तुलसी की मंजरी तभी तोड़नी चाहिए जब वह भूरे रंग की हो जाए. हरी मंजरी तोड़ना अशुभ माना जाता है.

तुलसी माता का रूप मानी जाती है. मंजरी तोड़ने से पहले हाथ जोड़कर उनसे अनुमति लेनी चाहिए.

मंजरी या पत्ते तोड़ने से पहले तुलसी माता से क्षमा मांगना शुभ माना जाता है. यह धार्मिक परंपरा का हिस्सा है.

शास्त्रों के अनुसार तुलसी की मंजरी या पत्तों को कभी भी कूड़े में नहीं फेंकना चाहिए.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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