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मान्यता है कि तुलसी माता का पूर्व जन्म ‘वृंदा’ के रूप में हुआ था, जो भगवान विष्णु की परम भक्त थीं.
विष्णु जी ने वरदान दिया था कि तुलसी उन्हें सदा प्रिय रहेंगी. यही कारण है कि उनके अवतार श्रीकृष्ण की पूजा में भी तुलसी अनिवार्य है.
श्रीकृष्ण तुलसी दल के बिना भोग स्वीकार नहीं करते. तुलसी का जल या पत्ता चढ़ाना पूजा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है.
धार्मिक मान्यता है कि कृष्ण जी को तुलसी अर्पित करने से धन-संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और समृद्धि का मार्ग खुलता है.
तुलसी अर्पित करने से व्यक्ति के जीवन में प्रगति, उन्नति और सफलता के अवसर बढ़ते हैं.
माना जाता है कि तुलसी चढ़ाने से घर में शांति, सुख-समृद्धि आती है और पारिवारिक झगड़े खत्म होते हैं.
तुलसी अर्पण से वातावरण शुद्ध होता है, नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और बीमारियों से भी राहत मिलती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.