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हल्की धूप निकले तो बकरियों को थोड़ी देर चराने ले जाएं. ताजी हवा और धूप उनकी इम्युनिटी बढ़ाती है.
शाम को मच्छरों और कीड़ों का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए दोपहर के बाद बकरियों को बाहर न छोड़ें.
बरसात में बकरियों के पेट में कीड़े हो सकते हैं. इससे बचाव के लिए कृमिनाशक दवा दें, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बाद.
मानसून से पहले बकरियों को FMD और अन्य बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण कराएं.
नमी के कारण चारा सड़ सकता है. साफ-सुथरी जगह पर ही चारा व पानी रखें और सभी बर्तनों की रोजाना सफाई करें.
बकरियों को गीली या कीचड़ वाली जगहों पर न ले जाएं. इससे पैर सड़ सकते हैं और स्किन इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है.
बाड़े में फिनाइल या नीम के पानी का छिड़काव करने से कीड़े-मकोड़े और बैक्टीरिया दूर रहते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.