नर बकरा चराई नहीं करता, इसलिए उसे रोज 400–600 ग्राम दाना और संतुलित हरा-सूखा चारा दें

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अगर बकरा जरूरत से ज्यादा मोटा हो गया, तो उसकी प्रजनन क्षमता घट सकती है. ऐसे में भारी दानों की मात्रा घटा दें.

अगर बकरा लंबे समय तक प्रजनन के काम में नहीं है तो उसे अधिक खिलाने से बचें. दाने की मात्रा घटाकर उसे एक्टिव बनाए रखें.

दुधारू बकरी को रोज 3 से 4 किलो तक हरा-सूखा चारा देना चाहिए, जिससे उसकी ऊर्जा और पोषण की जरूरत पूरी हो सके.

जितना दूध, उतना दाना. अगर बकरी 1 लीटर दूध देती है तो उसे रोजाना 300 ग्राम दाना सुबह और शाम दें.

दाना एक बार में न दें. इसे सुबह-शाम दो हिस्सों में बांटना चाहिए, ताकि पाचन बेहतर हो और पोषण अच्छे से मिले.

अगर दुधारू बकरी और बोका का आहार अलग-अलग और संतुलित ढंग से दें, तो उत्पादन और मुनाफा दोनों बढ़ते हैं.

सही पोषण से न सिर्फ बकरियों की सेहत सुधरती है, बल्कि वे लंबे समय तक दूध और प्रजनन क्षमता बनाए रखती हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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