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25–30 बकरियों के लिए 20x20 फीट का शेड पर्याप्त होता है, जो उनकी सेहत और आराम दोनों के लिए जरूरी है.
पक्के फर्श से गैस इकट्ठा होती है, जबकि भुरभुरी मिट्टी गैस सोख लेती है, जिससे बकरियां स्वस्थ रहती हैं.
यूरिन और मेंगनी से निकलने वाली मीथेन गैस बकरियों के लिए खतरनाक हो सकती है, अगर शेड हवादार न हो.
बकरियों को गैस और बीमारियों से बचाने के लिए हमेशा हवादार और सूखी मिट्टी वाला शेड बनाएं.
100 बकरियों से महीने में एक ट्रॉली मेंगनी निकलती है, जिसकी बिक्री से किसान 1000 रुपये तक कमा सकते हैं.
जमुनापारी, बरबरी, बीटल और सिरोही नस्लें दूध और मांस दोनों के लिए बेहद उपयोगी हैं.
सही नस्ल, सही शेड और गोबर की कमाई को मिलाकर बकरी पालन को एक स्थायी आय का जरिया बनाया जा सकता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.