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हरी पत्तियां बकरियों के पाचन को बेहतर बनाकर उन्हें जल्दी और स्वस्थ तरीके से मोटा करती हैं.
मोरिंगा (सहजन) में मौजूद पोषक तत्व बकरी के दूध के उत्पादन को प्राकृतिक रूप से बढ़ाते हैं.
गिलोय और नीम की पत्तियों के सेवन से बकरियां वायरस, पेट के कीड़े और स्किन इंफेक्शन जैसी समस्याओं से बची रहती हैं.
तेज धूप में चराई कराने से बचें. दोपहर में बकरियों को छांव में रखें और बाड़े में पंखे या ठंडी हवा की व्यवस्था करें.
गर्मी में बकरियों को रोजाना पर्याप्त मात्रा में साफ और ठंडा पानी देना जरूरी है, वरना डिहाइड्रेशन हो सकती है.
गंदगी से बीमारियों का खतरा बढ़ता है. इसलिए बकरी के बाड़े को रोज साफ रखें ताकि संक्रमण से बचाव हो सके.
इन सभी हरी पत्तियों की उपलब्धता गांवों में आसानी से हो जाती है, जिससे यह तरीका सस्ता विकल्प बन जाता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.