भारत में बकरी पालन तेजी से बढ़ रहा है और जमनापारी नस्ल किसानों के लिए सोने की खान साबित हो रही है. 

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जमनापारी बकरी हर दिन 4-5 लीटर दूध देती है. पूरे लैक्टेशन पीरियड में लगभग 500l तक दूध दे सकती है.

इसका दूध बच्चों और बुजुर्गों के लिए फायदेमंद है, इसमें कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं.

जमनापारी बकरों का वजन हर दिन 120-125 ग्राम बढ़ता है, जिससे मीट उत्पादन के लिए यह नस्ल सबसे बेहतरीन साबित होती है.

इसका मीट प्रोटीन से भरपूर और स्वादिष्ट होता है, जिसकी मांग देश और विदेश दोनों में अधिक रहती है.

लगभग 50% बकरियां एक बार में दो बच्चे देती हैं, जिससे किसान अपनी बकरियों की संख्या तेजी से बढ़ा सकते हैं.

दूध, मीट और बच्चों की बिक्री से किसान की आमदनी में जबरदस्त बढ़ोतरी होती है. 

जमनापारी नस्ल उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में अधिक पाई जाती है.

इस नस्ल की बकरी 15,000 से 30,000 रुपये तक बिकती है, जो उम्र और दूध देने की क्षमता पर निर्भर करती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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