सोनपरी नस्ल की बकरी अपने उच्च प्रजनन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और पौष्टिक दूध के लिए मशहूर है. 

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सोनपरी बकरी आमतौर पर 2-3 बच्चों को जन्म देती है, लेकिन 22% मामलों में यह संख्या 4 तक पहुंच सकती है.

यह नस्ल कम बीमार पड़ती है, जिससे इलाज और दवाओं पर खर्च कम होता है.

सोनपरी का दूध फैट से भरपूर होता है, जिससे बाजार में इसकी मांग अधिक रहती है.

इसका मांस बाजार में लगभग 200 रुपये प्रति किलो अधिक कीमत पर बिकता है, जो किसानों के लिए लाभदायक है.

शरीर पर ग्रे रंग की धारियां या पैच, और पीठ पर गर्दन से पूंछ तक काले बालों की सीधी लाइन इसे अलग बनाती है.

सोनपरी बकरी के बालों में गोल रिंग पैटर्न भी एक पहचान है, जो नकली नस्ल से अलग करती है.

आंखें मध्यम आकार की होती हैं और कान व पीठ पर नीले रंग की झलक वाले काले बाल पाए जाते हैं.

दूध, मांस और संतान उत्पादन के लिए सोनपरी नस्ल किसान के लिए हर दिशा में लाभ देती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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