सही नस्ल का चुनाव आपके व्यवसाय की सफलता में अहम भूमिका निभाता है. स्थानीय जलवायु के अनुसार नस्ल चुनें.

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बकरियों को संतुलित आहार दें जिसमें प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स और भरपूर साफ पानी शामिल हो.

बकरियों के लिए हवादार, सूखा और स्वच्छ स्थान बनाएं ताकि वे बीमारियों से सुरक्षित रहें.

बीमारियों से बचाने के लिए समय-समय पर बकरियों का टीकाकरण और हेल्थ चेकअप करवाना जरूरी है.

बीटल नस्ल : यह नस्ल रोजाना करीब 1.5 लीटर दूध देती है और इसकी बनावट आकर्षक होती है.

उस्मानाबादी नस्ल: यह नस्ल पौष्टिक दूध देने के साथ साल में दो बार 2-2 बच्चे भी देती है.

ब्लैक बंगाल: इस नस्ल का मीट काफी महंगा बिकता है और इसका जीवनकाल 8-10 साल होता है.

सोनपरी नस्ल: छोटे आकार की यह नस्ल यूपी के कुछ जिलों में पाई जाती है और जल्दी परिपक्व हो जाती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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