बकरी पालन अब सिर्फ ग्रामीणों की आजीविका नहीं, बल्कि कम निवेश में बड़ी आमदनी का जरिया बन चुका है. 

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ऐसे में कुछ खास नस्ल हैं किसानों को बंपर मुनाफा दिलाने में मदद कर रही है.

ब्लैक बंगाल: छोटी लेकिन मजबूत नस्ल, साल में 2 बार 2-3 बच्चे देती है, साधारण चारा पर भी तेजी से बढ़ती है.

जमुनापारी: दूध और मांस दोनों में श्रेष्ठ, बड़ा कद, अधिक दूध उत्पादन, मांस की कीमत भी अधिक.

बरबरी: हर मौसम में टिकाऊ, गर्मी या सूखे में अनुकूल, दूध और मांस दोनों की गुणवत्ता अच्छी.

कम खर्च में पालन योग्य, जंगल और खेतों का चारा खा सकती हैं, बीमारियों से ज्यादा लड़ सकती हैं.

स्थानीय और बाहरी नस्लों के गुणों का संयोजन, उत्पादन क्षमता और मजबूती दोनों देती हैं.

बकरी पालन में लागत कम और मुनाफा लगातार, दूध, मांस, खाल और बच्चों की बिक्री से आमदनी.

बकरियां साल में कई बार बच्चे देती हैं, कुछ ही सालों में झुंड बड़ा हो जाता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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