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निमोनिया होने पर बकरी को सांस लेने में दिक्कत, खांसी और चारा छोड़ने जैसे लक्षण दिखते हैं.
पीपीआर बीमारी के लक्षण मुंह में छाले, तेज बुखार और आंख-नाक से पानी आना हैं. कई बार इससे बकरी की मौत तक हो जाती है.
खुरपका-मुंह पका बीमारी एक से दूसरी बकरी में फैलती है. इससे मुंह और खुर में छाले और घाव बन जाते हैं.
बकरियों में चेचक होने पर शरीर पर चकत्ते और फफोले बनते हैं. ये फूटकर घाव में बदलते हैं जिससे जानवर को तकलीफ होती है.
पेचिश में बकरी को पतले दस्त, खून और दुर्गंध की शिकायत होती है. बार-बार प्यास लगती है और कमजोरी आ जाती है.
बकरियों को गीला चारा या पानी में भींगी घास न खिलाएं. उन्हें हमेशा सूखे और साफ स्थान पर रखें.
बारिश से पहले और दौरान बकरियों को पीपीआर, खुरपका-मुंह पका और चेचक जैसी बीमारियों के टीके लगवाएं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.