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जब बारिश थमे और धूप निकले, तब बकरियों को कुछ समय के लिए बाहर चरने दें, इससे उन्हें ताजी हवा मिलती है.
बरसात के मौसम में शाम के समय कीड़े-मकौड़ों का खतरा अधिक होता है, इसलिए दोपहर के बाद बकरियों को अंदर रखें.
घास के साथ काई खाने से पेट में कीड़े हो सकते हैं, इसलिए हर 3-4 महीने में पेट साफ करने की दवा दें.
मानसून से पहले टीकाकरण जरूर कराएं और पशु चिकित्सक की सलाह पर समय-समय पर कृमिनाशक दवा दें.
बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हरे चारे के साथ नीम की पत्तियां भी खिलाएं.
चारा, दाना और पानी हमेशा साफ बर्तन में और स्वच्छ जगह पर रखें ताकि संक्रमण से बचाव हो.
खुरपका-मुंहपका हो तो 2% लाल दवा से सफाई करें और बीमार बकरी को 3 दिन तक हर्बल मसाला बोलस खिलाएं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.
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