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चतुर्थी माता पार्वती की विशेष तिथि है, इस दिन बेलपत्र तोड़ना शिव-पार्वती के रिश्ते में विघ्न डालने जैसा माना जाता है.
इन खास तिथियों को अशुद्ध माना जाता है, ऐसे में बेलपत्र तोड़ने की बजाय पहले से एकत्रित पत्तों का उपयोग करें.
हालांकि सोमवार शिव का दिन है, लेकिन इस दिन बेलपत्र तोड़ना मना है. जरूरत हो तो रविवार को ही तोड़कर रख लें.
शिव पूजन के लिए तीन पत्तियों वाला बेलपत्र सर्वोत्तम माना गया है, इसे मंत्रों के साथ सुबह स्नान के बाद तोड़ना चाहिए.
ध्यान दें कि बेलपत्र में कीड़े न हों और वह फटा हुआ न हो. अशुद्ध बेलपत्र शिव को अर्पित नहीं करना चाहिए.
जिन दिनों पर बेलपत्र तोड़ना वर्जित है, उन तिथियों के लिए एक दिन पहले शुद्धता से बेलपत्र एकत्र कर लें.
बेलपत्र सिर्फ एक पत्ता नहीं, शिव भक्ति का प्रतीक है. शास्त्रों में बताई गई तिथियों का पालन कर ही इसे चढ़ाना चाहिए.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.