कड़कनाथ नस्ल की मुर्गी को उसके काले मांस के लिए जाना जाता है, जिसकी बाजार में भारी डिमांड रहती है. 

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वनश्री नस्ल की मुर्गियां देसी होने के साथ-साथ इम्यूनिटी में भी मजबूत होती हैं. ये कम देखभाल में भी अच्छा उत्पादन देती हैं.

कॉर्निश रॉक नस्ल तेजी से बढ़ने वाली होती है और इसका मांस बेहद सॉफ्ट होता है, जो होटल और रेस्तरां में काफी पसंद किया जाता है. 

असील नस्ल की मुर्गियां न सिर्फ मजबूत होती हैं, बल्कि इनका शरीर बड़ा और आकर्षक होता है. इनके मांस की भी अच्छी कीमत मिलती है.

इन चारों नस्लों को पालने के लिए अधिक खर्च नहीं करना पड़ता. इनकी देखभाल भी आसान होती है और सही आहार व माहौल में ये बेहतर उत्पादन देती हैं.

जिन लोगों के पास कम जमीन या संसाधन हैं, उनके लिए मुर्गी पालन बेहद लाभकारी हो सकता है. खासकर महिलाएं भी इस व्यवसाय से आत्मनिर्भर बन सकती हैं.

कड़कनाथ और कॉर्निश रॉक जैसे नस्लों की डिमांड शहरों में बहुत अधिक है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और स्थानीय मार्केट में आसानी से बिक्री की जा सकती है.

कई राज्य सरकारें मुर्गी पालन के लिए सब्सिडी और प्रशिक्षण देती हैं. इसककी मदद से आप इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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