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इसे भाई द्वितीया, भाऊ बीज, भात्र द्वितीया और भतरु द्वितीया भी कहा जाता है.
बहनें इस दिन अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की प्रार्थना करते हुए उन्हें तिलक करती हैं.
तिलक लगाने के बाद भाई अपनी बहनों को गिफ्ट और आशीर्वाद देते हैं.
शुभ मुहूर्त: शुभ: 06:27 AM – 07:51 AM, चर: 10:41 AM – 12:05 PM, लाभ: 12:05 PM – 01:30 PM
शुभ मुहूर्त: अमृत (सर्वोत्तम): 05:43 PM – 07:19 PM और चर (सामान्य): 07:19 PM – 08:54 PM
23 अक्टूबर को दोपहर 01:30 PM से 02:54 PM तक राहुकाल रहेगा. इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.
बहनें अपने दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली से चंदन, हल्दी, दही और कुमकुम से तिलक करें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.