नवरात्रि के बाद कलश और नारियल का विशेष महत्व होता है. व्रत समाप्त होने पर कलश का विसर्जन पूजा विधि से करना अनिवार्य है.

Author- Isha Gupta

Image Source: Canva

कलश का विसर्जन हमेशा कन्या पूजन के बाद ही करना चाहिए, तभी पूजा को पूर्ण माना जाता है. बिना कन्या पूजन के कलश विसर्जन न करें.

कब करें विसर्जन

कलश पर रखा नारियल और चुनरी को संभालकर मंदिर या तिजोरी में श्रद्धा से रखना चाहिए. यह दोनों वस्तुएं मां की प्रतीक मानी जाती हैं.

नारियल और चुनरी

नारियल को प्रसाद के रूप में खुद भी खाया जा सकता है या इसे कन्याओं को भोग लगाकर वितरित किया जा सकता है. 

प्रसाद रूप में उपयोग

नवरात्रि के नारियल को कभी भी अशुद्ध या गंदे स्थान पर नहीं रखना चाहिए. इसे जमीन, शौचालय या रसोई के नाले के पास नहीं रखें.

नारियल

कलश के पवित्र जल को आप घर के चारों ओर छिड़क सकते हैं. इससे सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और नकारात्मकता दूर होती है. 

पवित्र जल

कलश में रखे अक्षत यानी चावल को अनाज के डिब्बे में मिलाने से घर में समृद्धि और शुभता बनी रहती है.

अक्षत का इस्तेमाल 

यदि कलश का विधिपूर्वक विसर्जन नहीं किया गया तो पूजा को अधूरा माना जाता है और इसका शुभ फल नहीं मिलता. 

Source: Google

विधिपूर्वक विसर्जन

Next: घर में उगाएं इलायची, यहां जानें Easy Steps