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कलश का विसर्जन हमेशा कन्या पूजन के बाद ही करना चाहिए, तभी पूजा को पूर्ण माना जाता है. बिना कन्या पूजन के कलश विसर्जन न करें.
कलश पर रखा नारियल और चुनरी को संभालकर मंदिर या तिजोरी में श्रद्धा से रखना चाहिए. यह दोनों वस्तुएं मां की प्रतीक मानी जाती हैं.
नारियल को प्रसाद के रूप में खुद भी खाया जा सकता है या इसे कन्याओं को भोग लगाकर वितरित किया जा सकता है.
नवरात्रि के नारियल को कभी भी अशुद्ध या गंदे स्थान पर नहीं रखना चाहिए. इसे जमीन, शौचालय या रसोई के नाले के पास नहीं रखें.
कलश के पवित्र जल को आप घर के चारों ओर छिड़क सकते हैं. इससे सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और नकारात्मकता दूर होती है.
कलश में रखे अक्षत यानी चावल को अनाज के डिब्बे में मिलाने से घर में समृद्धि और शुभता बनी रहती है.
यदि कलश का विधिपूर्वक विसर्जन नहीं किया गया तो पूजा को अधूरा माना जाता है और इसका शुभ फल नहीं मिलता.
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