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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान सूतक काल मान्य है, जिसमें कुछ कार्य वर्जित और कुछ बेहद शुभ माने जाते हैं.
ग्रहण से 9 घंटे पहले यानी दोपहर 12:58 बजे सूतक शुरू होगा और यह ग्रहण समाप्त होने तक चलेगा.
सूतक काल के नियम बच्चों, बुजुर्गों और रोगियों पर लागू नहीं होते.
चंद्रग्रहण रात 9:53 बजे स्पर्श करेगा, 11:39 बजे खग्रास होगा और 1:25 बजे मोक्षकाल होगा.
सूतक और ग्रहण काल में भोजन करना, नाखून काटना, सोना और मूर्ति स्पर्श करना निषेध है.
इस दौरान जप, पाठ, ध्यान, स्नान, दान और मंत्रोच्चारण को विशेष रूप से शुभ माना गया है.
इस समय नुकीली चीज़ों का प्रयोग और भारी काम करने से परहेज करना चाहिए.
चंद्रग्रहण समाप्त होते ही स्नान करने और दान-पुण्य करने की परंपरा मानी जाती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.