छठ पूजा में तीसरे दिन डूबते और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है, जिससे जीवन में सकारात्मकता आती है.

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सूर्यदेव को अर्घ्य देने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है, साथ ही सूर्य दोष समाप्त होता है.

मान्यता है कि सूर्य अर्घ्य से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और योग्य जीवनसाथी का मिलन होता है.

सूर्य अर्घ्य करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है.

जो व्यक्ति नियमित रूप से सूर्य को जल अर्पित करता है, उसका भाग्य चमकता है और जीवन में सफलता बढ़ती है.

सूर्य को अर्घ्य देने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, जिससे मानसिक व भावनात्मक स्थिरता आती है.

संध्या अर्घ्य का समय: इस साल संध्या अर्घ्य 27 अक्टूबर 2025, सोमवार को सूर्यास्त के समय 05:40 बजे दिया जाएगा.

उषा अर्घ्य का समय: उदयीमान सूर्य को अर्घ्य 28 अक्टूबर, मंगलवार की सुबह 06:30 बजे अर्पित किया जाएगा.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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