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कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (25 अक्टूबर 2025) से होती है, जिसे नहाय-खाय कहा जाता है.
नहाय-खाय का महत्व: इस दिन मुख्य आहार में भाप में पका चावल, दाल और लौकी की सब्जी शामिल होती है.
खरना 26 अक्टूबर: श्रद्धालु पूरे दिन उपवास रखते हैं. सूर्यास्त के बाद खीर, और घी लगी रोटी के साथ व्रत तोड़ा जाता है.
सूर्यास्त अर्घ्य 27 अक्टूबर: श्रद्धालु नदी किनारे गन्ना, फल, नारियल और ठेकुआ के साथ सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं.
सूर्योदय अर्घ्य: 28 अक्टूबर, सुबह 6:30 बजे सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है.
छठ पूजा केवल उपवास नहीं, बल्कि सूर्य, नदियों और प्रकृति के चक्र के प्रति आभार व्यक्त करने का पर्व है.
उत्तर भारत और नेपाल के विभिन्न हिस्सों में छठ पूजा बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.