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यह पर्यावरण को बचाने और खेती की लागत घटाने का बेहतरीन तरीका माना जाता है.
100 किलो सूखी पराली, 4 किलो यूरिया और 40-50 लीटर पानी लेकर इस प्रोसेस को शुरू किया जा सकता है.
सबसे पहले यूरिया को पानी में पूरी तरह घोलें और सुनिश्चित करें कि इसमें कोई गांठ न रहे.
सूखी पराली को पक्के फर्श या प्लास्टिक शीट पर फैलाएं और यूरिया वाला घोल स्प्रेयर या बाल्टी से समान रूप से छिड़कें.
फावड़े की मदद से पराली को उलट-पलट कर घोल हर हिस्से में अच्छी तरह पहुंचा दें.
भीगी पराली को तिरपाल या प्लास्टिक शीट से ढकें और इस तरह बंद करें कि हवा अंदर न जा सके.
इसे 21 दिनों तक ढककर छोड़ दें. इस दौरान पराली मुलायम हो जाती है और पोषक आहार में बदल जाती है.
21 दिन बाद पराली को पशुओं को देने से पहले कुछ देर फैला दें ताकि अतिरिक्त अमोनिया गैस उड़ जाए.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.