छठ पूजा सूर्य देव और छठी मईया की आराधना का पर्व है, जिसे हिंदू धर्म के सबसे कठिन व्रतों में गिना जाता है.

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यह पर्व 4 दिनों तक चलता है, नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और ऊषा अर्घ्य. हर दिन का अलग धार्मिक महत्व है.

साल 2025 में छठ पर्व 25 अक्टूबर (शनिवार) से शुरू होकर 28 अक्टूबर (मंगलवार) तक मनाया जाएगा.

नहाय-खाय के दिन व्रती महिलाएं पवित्र नदी या तालाब में स्नान कर सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं. इससे व्रत की शुरुआत होती है.

खरनाछ इस दिन पूरे दिन निर्जला उपवास रखा जाता है. शाम को गुड़ की खीर और घी की रोटी बनाकर सूर्य देव की पूजा होती है.

संध्या अर्घ्य: इस दिन व्रती महिलाएं नदी या तालाब में खड़ी होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं. 

अंतिम दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर 36 घंटे का निर्जला उपवास समाप्त किया जाता है. 

छठ पर्व सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि आत्मसंयम, श्रद्धा और शुद्धता का प्रतीक है, जो संतान की दीर्घायु के लिए किया जाता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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