थाईलैंड में करीब 12 लाख मगरमच्छ 1000 से ज्यादा फार्मों में पाले जा रहे हैं. ये फार्म देश की लोकल इकोनॉमी का अहम हिस्सा है.

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मगरमच्छ फार्मिंग सिर्फ स्किन या मांस तक सीमित नहीं है, इन फार्मों में हजारों टूरिस्ट हर साल आते हैं.

अगर स्किन, मांस, पित्त और खून का पूरा उपयोग हो तो एक मगरमच्छ से 2-3 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है. 

मगरमच्छ की चमड़ी मजबूत, टिकाऊ और बेहद आकर्षक होती है. इससे बने बैग, बेल्ट और जूते लाखों रुपये में बिकते हैं. 

थाईलैंड में मगरमच्छ का मांस एक लग्जरी फूड माना जाता है. वहीं इसका खून भी करीब ₹1000/लीटर बिकता है.

मगरमच्छ के पित्त से पारंपरिक चीनी दवाएं बनती हैं. इसकी कीमत ₹75,000 प्रति किलो तक जाती है. 

भारत में मगरमच्छों को संरक्षित प्रजाति माना गया है. उन्हें पालना या मारना अवैध है. 

अगर सही नीति और नियंत्रण हो, तो यह बिजनेस कई अन्य देशों के लिए भी फायदे का सौदा बन सकता है. 

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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