आज पशुपालन सिर्फ गांवों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि शहरों में भी दूध की जरूरत का मजबूत जरिया बन चुका है. 

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लेकिन ज्यादा और अच्छा दूध तभी मिलेगा, जब पशु स्वस्थ हों. इसकी सबसे बड़ी कुंजी है संतुलित और सही आहार.

मक्का, ज्वार, बाजरा और गेहूं जैसे अनाज पशुओं को ताकत देते हैं. ये उनकी कार्यक्षमता बढ़ाते हैं.

चना, अरहर और सोयाबीन जैसी दालें प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं. इससे पशुओं की शारीरिक वृद्धि बेहतर होती है.

रेडीमेड पशु आहार की तुलना में घर पर तैयार किया गया चारा सस्ता, सुरक्षित और भरोसेमंद होता है. 

हरे चारे में प्रोटीन, विटामिन और खनिज भरपूर होते हैं. यह पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.

कैल्शियम, फॉस्फोरस और खनिज पशुओं की हड्डियों को मजबूत बनाते हैं. 

सर्दियों में साफ और सुरक्षित पशुशाला, गर्म बिछावन और संतुलित आहार से पशु बीमारियों से बचे रहते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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