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गर्भावस्था में गाय-भैंस के दूध में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल भरपूर होते हैं, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं.
प्रेग्नेंट पशु में होने वाले हार्मोनल बदलाव दूध को प्रभावित करते हैं. इसी वजह से यह दूध छोटे बच्चों के लिए जोखिमभरा हो सकता है.
गर्भवती पशु से ज्यादा दूध निकाला जाए, तो मां की ताकत कम हो सकती है और बच्चे की ग्रोथ भी धीमी पड़ सकती है.
डॉक्टर से परामर्श लेकर ही तय करें कि गर्भवती पशु से कितना दूध सुरक्षित रूप से निकाला जा सकता है.
हरे चारे, मिनरल मिक्सचर और प्रोटीन युक्त आहार से पशु स्वस्थ रहता है और गर्भस्थ बछड़े का विकास भी सही तरीके से होता है.
अगर गर्भवती पशु को पर्याप्त पोषण न मिले, तो दूध पतला, कम पौष्टिक और गुणवत्ता में कमजोर हो सकता है.
प्रेग्नेंट पशु का दूध सीधे नहीं पीना चाहिए. अच्छी तरह उबालने से बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं और दूध सुरक्षित बन जाता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.