जैसे इंसान मौसम के हिसाब से फल-सब्जियां खाते हैं, वैसे ही पशुओं को भी मौसम के अनुसार चारा देना चाहिए.

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भिगा हुआ या सड़ा हुआ अनाज देने से पशुओं को अपचन और पाचन संबंधी समस्या हो सकती है.

अगर चारे में बदबू है या वह सड़ चुका है, तो इसे पशुओं को बिल्कुल न खिलाएं.

सड़े, फूलन लगी या मुरझाई घास देने से पशुओं की सेहत और दूध उत्पादन प्रभावित हो सकता है.

बारिश के मौसम में चारा जल्दी खराब होता है और फफूंद लग जाती है, इसलिए इस दौरान खास ध्यान दें.

हरी घास, संतुलित चारा और पोषक तत्वों से भरपूर फीड से पशुओं का पाचन और स्वास्थ्य बेहतर रहता है.

स्वस्थ आहार और सही देखभाल से पशुओं का दूध उत्पादन बढ़ता है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है.

किसी भी नए चारे या फीड को शामिल करने से पहले पशु विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है, ताकि नुकसान न हो.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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