बरसीम को ‘हरा सोना’ कहा जाता है क्योंकि यह पौष्टिक, सस्ता और टिकाऊ हरा चारा है. 

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एक बार बोने पर 5–7 कटाई मिलती है, जिससे सर्दियों में पशुओं को लगातार पौष्टिक आहार मिलता है.

ठंड के मौसम में बरसीम की खेती करने से किसानों को पूरे सीजन भर पौष्टिक चारा आसानी से मिलता रहता है.

बरसीम में लगभग 20% प्रोटीन होता है, जो सभी दुधारू पशुओं के दूध उत्पादन को बढ़ाने में असरदार है.

बरसीम की खासियत यह है कि एक बार बोने पर यह 5 से 7 कटाई देता है, जिससे चारे का खर्च कम हो जाता है.

बरसीम का विकास तेज होता है और बुवाई के लगभग दो महीने बाद इसकी पहली कटाई ली जा सकती है.

इस फसल की बुवाई अक्टूबर से दिसंबर के बीच की जाती है. एक एकड़ खेत में 20–25 किलो बीज काफी होता है.

बुवाई के 4–5 दिन बाद पहली सिंचाई करें और फिर हर 10–12 दिन पर पानी दें. कम पानी में भी यह फसल अच्छी तरह बढ़ती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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