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इसके लिए आप बस बस अरंडी के पत्ते चारे में मिलाएं. इससे दूध की मात्रा भी बढ़ेगी और क्वालिटी भी कहीं बेहतर होगी.
इन पत्तों में मौजूद तत्व दूध बनाने वाली ग्रंथियों को तेज करते हैं. इससे दूध उत्पादन लगातार बढ़ता है.
पत्तों को बारीक काटकर भूसे या हरे चारे में मिलाने से पाचन बेहतर होता है और शरीर पोषण अच्छे से सोखता है.
अरंडी के पत्ते नियमित खिलाने से गैस, कब्ज और धीमी पाचन जैसी समस्याएं कम होती हैं.
इस चारे से पशु में ऊर्जा बढ़ती है, थकान कम होती है और उसका वजन भी संतुलित रहता है.
कई किसानों के अनुसार, अरंडी के पत्ते खाने वाले पशु कम बीमार पड़ते हैं. इससे पशुओं की इम्युनिटी बढ़ती है.
अरंडी का पेड़ खेतों और रास्तों के किनारे अपने-आप उग आता है. न खरीदना, न दवाई—सिर्फ तोड़कर काटें और खिलाएं.
कई किसानों के अनुभव में अरंडी के पत्ते डेयरी के लिए गेम-चेंजर साबित हुए हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.