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रेड सिंधी को लाल सिंधी भी कहा जाता है. यह पूरी तरह देसी नस्ल है और किसानों के बीच दूध उत्पादन के लिए लोकप्रिय है.
यह गाय सामान्य चारे पर भी अच्छी मात्रा में दूध देती है. किसानों को महंगे आहार पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता.
एक ब्यांत में रेड सिंधी गाय लगभग 1840 लीटर तक दूध देती है. रोजाना औसतन 15 से 20 लीटर दूध उपलब्ध कराती है.
इसके दूध में प्रोटीन, विटामिन और अन्य पोषक तत्व भरपूर पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है.
यह नस्ल गर्म जलवायु में आसानी से रह सकती है और मौसम बदलने पर भी बीमारियों से जल्दी प्रभावित नहीं होती.
रेड सिंधी गाय की इम्युनिटी मजबूत होती है, जिससे यह सामान्य बीमारियों का आसानी से मुकाबला कर पाती है.
इसके बछड़े खेती में हल चलाने और नस्ल सुधार के लिए उपयोगी होते हैं, जिससे किसान को अतिरिक्त मुनाफा होता है.
पहले यह गाय पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक और तमिलनाडु में अधिक मिलती थी, लेकिन अब इसकी मांग पूरे भारत में बढ़ रही है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.