बरसात के मौसम में जब हरे चारे की किल्लत होती है, तब दूब घास पशुपालकों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है. 

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दूब घास में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जो पशुओं की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और ऊर्जा प्रदान करती है.

नियमित रूप से दूब घास खिलाने से दूध देने वाले पशुओं की सेहत सुधरती है और दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है.

इसमें मौजूद फाइबर पशुओं की पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है, जिससे वे बीमारियों से बचे रहते हैं.

दूब घास में विटामिन A, B, C के साथ कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन पाए जाते हैं, जो इम्युनिटी को मजबूत करते हैं.

यह बिना किसी उर्वरक या कीटनाशक के उगती है, जिससे पशुओं पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता.

दूब घास मिट्टी को बांधती है और कटाव को रोकती है, जिससे यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी बन जाती है.

इसे उगाने और बढ़ाने में लागत बहुत कम आती है, जिससे यह छोटे किसानों के लिए किफायती विकल्प बनती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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