बरसात में खेतों की हरियाली घटने से जानवरों को हरा चारा कम मिलता है, जिससे दूध की मात्रा घट जाती है.

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शहतूत की पत्तियां प्रोटीन, फाइबर और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जो जानवरों के पाचन को बढ़ाती हैं.

रोजाना सुबह और शाम शहतूत की पत्तियां देने से गाय, बकरी और भेड़ की दूध देने की क्षमता में सुधार होता है.

शहतूत की पत्तियां भूसे या सूखे चारे के साथ मिलाकर दी जा सकती हैं, जिससे जानवर आसानी से इसे खा लेते हैं.

10 दिनों तक नियमित सेवन से दूध की मात्रा में साफ बढ़ोतरी दिखाई देती है और जानवर स्वस्थ रहते हैं.

शहतूत की पत्तियां जानवरों की त्वचा, बाल और सामान्य सेहत में भी सुधार लाती हैं, पूरी बॉडी फिट रहती है.

यह प्राकृतिक तरीका महंगे सप्लीमेंट या विशेष ट्रेनिंग की जरूरत के बिना ही परिणाम देता है.

शहतूत के पेड़ आसानी से उगाए जा सकते हैं. किसान इसे खेत की मेड़ पर लगाकर मुफ्त और स्थायी चारा पा सकते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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