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इस बिजनेस के लिए भदावरी भैंस सही विकल्प साबित हो सकती है. कम जगह में पालन के लिए यह बेहतरीन है.
यह नस्ल मुख्यतः उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पाई जाती है और स्थानीय जलवायु में अच्छी तरह से ढल जाती है.
काले-ताम्र रंग की यह भैंस गर्दन के नीचे दो सफेद लकीरों (कंठी) से आसानी से पहचानी जाती है.
भैंस के सींग बाहर की ओर झुकते हैं और फिर गर्दन के साथ पीछे की ओर मुड़ते हैं, जो इसे विशिष्ट बनाता है.
भदावरी भैंस रोजाना करीब 5 लीटर दूध देती है, जिससे डेयरी व्यवसाय में स्थिर आय संभव है.
इस दूध से हर 5 दिन में लगभग 5 किलो शुद्ध घी तैयार किया जा सकता है, जो बाजार में अच्छे दाम पर बिकता है.
भदावरी भैंस कम देखभाल में भी अच्छी उत्पादन क्षमता देती है, इसलिए नए डेयरी व्यवसायियों के लिए आदर्श है.
कम निवेश में दूध और घी से लगातार लाभ कमाया जा सकता है, जिससे डेयरी व्यवसाय में आर्थिक स्थिरता आती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.