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कैल्शियम पशु की हड्डियों से लेकर मांसपेशियों तक हर कार्य को नियंत्रित करता है. यह ऊर्जा बनाता है.
दूध बनाते समय शरीर से सबसे ज्यादा कैल्शियम निकलता है. अगर कमी पूरी न हो तो दूध कम हो जाता है.
सिर्फ कैल्शियम देना काफी नहीं. इसे मिनरल मिक्सचर के साथ देना चाहिए, ताकि शरीर इसे अवशोषित कर सके.
इसकी कमी तुरंत नहीं दिखती, धीरे-धीरे पशु कमजोर होने लगता है. बार-बार बैठना और उठने में परेशानी शुरुआती संकेत हैं.
कैल्शियम की कमी ज्यादा दिनों तक रहे तो दूध उत्पादन आधा हो जाता है, मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं.
कैल्शियम की कमी का सबसे बड़ा खतरा यह है कि पशु की हड्डियां आसानी से टूटने लगती हैं.
कैल्शियम-कमी वाले पशु गर्मी और सर्दी से जल्दी प्रभावित होते हैं. उनका शरीर तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता.
नियमित कैल्शियम देने पर पशु की ताकत बढ़ती है, पाचन सुधरता है, दूध बढ़ता है और उसका शरीर चमकदार दिखने लगता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.