अगर सुबह की दुहाई में दूध कम निकल रहा है, तो समझ लें कि कहीं न कहीं चारे में कमी है. 

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बिना इंजेक्शन और दवा के भी दूध बढ़ाया जा सकता है, बस गाय-भैंस को सही मात्रा और प्रकार का आहार जरूरी है.

अगर आहार में प्रोटीन, ऊर्जा और मिनरल की कमी होगी, तो दूध घटने लगेगा, चाहे पशु बाहर से ठीक ही क्यों न दिखे.

सरसों की खल्ली और सोयाबीन खल्ली दूध देने वाले पशुओं के लिए सबसे फायदेमंद मानी जाती है. 

मक्का, गेहूं और बाजरा मिलाकर दिया गया दाना पशु को ताकत देता है. लेकिन ज्यादा दाना देने से पाचन बिगड़ता है.

कई पशुपालक दाने पर ज्यादा ध्यान देते हैं और भूसा कम कर देते हैं. भूसा पाचन को सही रखता है.

बरसीम, नेपियर घास, हरा मक्का और ज्वार जैसे हरे चारे दूध बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं. 

जो पशु दूध नहीं दे रहा हो, उसे रोज 1–1.25 किलो दाना, करीब 3 किलो भूसा और 15–20 किलो हरा चारा दें.

गाय को प्रति लीटर दूध पर लगभग 400 ग्राम और भैंस को 500 ग्राम दाना देना फायदेमंद माना जाता है. 

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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