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एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ठंड में खिलाया जाने वाला गलत हरा चारा दूध उत्पादन पर सीधा असर डालता है.
कई किसान सरसों के पत्ते काटकर भूसे में मिलाकर खिलाते हैं, लेकिन इसकी तासीर गर्म होती है.
सरसों के सिर्फ 2–4 पत्ते भूसे में मिलाकर कभी-कभार दिए जा सकते हैं, लेकिन रोज खिलाना पशुओं के लिए हानिकारक है.
ठंड में उगने वाला बथुआ खरपतवार समझकर खिलाया जाता है, लेकिन यह भी बहुत गर्म होता है.
विशेषज्ञों के अनुसार गाभिन गाय-भैंसों को सरसों और बथुआ के पत्ते बिल्कुल न दें. इससे गंभीर नुकसान हो सकता है.
कई किसानों ने खुद देखा है कि जब सरसों और बथुआ ज्यादा खिलाया गया, तो भैंसों का दूध अचानक कम हो गया.
पशु जानकारों का कहना है कि कम मात्रा तक तो यह चारा चल सकता है, लेकिन नियमित और अधिक सेवन दूध घटा देता है.
सरसों और बथुआ के पत्ते बकरी और बैलों को दिए जा सकते हैं, लेकिन दुधारू गाय-भैंसों में खास सावधानी जरूरी है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.